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कृषि अवसंरचना कोष: ₹1 लाख करोड़ से ग्रामीण विकास और कृषि समृद्धि को बढ़ावा

मौजूदा बुनियादी ढाँचे की कमियों को दूर करने और कृषि बुनियादी ढाँचे में निवेश बढ़ाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एग्री इंफ्रा फंड लॉन्च किया गया था। देश के कृषि बुनियादी ढाँचे के परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से एआईएफ की शुरुआत की गई थी। कृषि अवसंरचना कोष, ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी सहायता के माध्यम से फसल-पश्चात प्रबंधन बुनियादी ढाँचे और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश हेतु एक मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा है। इस योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का कोष वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2025-26 तक वितरित किया जाएगा और योजना के तहत सहायता वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2032-33 की अवधि के लिए प्रदान की जाएगी।

प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • 2020-2026 तक ₹1 लाख करोड़ का फंड उपलब्ध होगा, जिसका समर्थन 2032-33 तक बढ़ाया जाएगा।
  • 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 3% की ब्याज सहायता, जिसकी अवधि 7 वर्ष तक सीमित है।
  • ऋणदाता जोखिम को कम करने के लिए 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ऋण गारंटी।
  • ऑनलाइन आवेदन तक पहुंच, परियोजना सहायता इकाइयां, और अन्य सरकारी योजनाओं के साथ एकीकरण।

28 अगस्त, 2024 तक, एआईएफ योजना के तहत 74,508 परियोजनाओं के लिए 47,575 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। इन स्वीकृत परियोजनाओं ने कृषि क्षेत्र में 78,596 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है, जिसमें से 78,433 करोड़ रुपये निजी संस्थाओं से जुटाए गए हैं। इसके अलावा, एआईएफ के तहत स्वीकृत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने कृषि क्षेत्र में 8.19 लाख से अधिक ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है। बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर, एआईएफ का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, नुकसान कम करना और निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करना है।

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