मृदा स्वास्थ्य कार्ड(Soil Health Card) और Parth AI: स्मार्ट खेती की ओर कदम

मृदा स्वास्थ्य कार्ड(Soil Health Card) और Parth AI: स्मार्ट खेती की ओर कदम

आलेख :- बॉबी पटारिया

 

परिचय : मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्या है ?

भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन अच्छी खेती के लिए सिर्फ मेहनत ही नहीं, बल्कि सही जानकारी भी ज़रूरी है। जैसे इंसान का हेल्थ चेकअप होता है, वैसे ही मृदा का भी चेकअप होना चाहिए। इसी सोच से सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) योजना शुरू की।

आज के समय में डिजिटल टेक्नोलॉजी ने खेती को और आसान बना दिया है। खासकर Parth AI जैसे प्लेटफ़ॉर्म किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड की रिपोर्ट समझने और सही तरीके से खेती करने में मदद कर रहे हैं।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्यों ज़रूरी है ?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के लिए कई तरीकों से फायदेमंद है:

कम रसायन का उपयोग – जब किसान को सही मात्रा पता होती है, तो वह ज़रूरत से ज़्यादा खाद और केमिकल नहीं डालता। इससे खर्च भी बचता है और मिट्टी खराब भी नहीं होती। फसल ज़्यादा स्वस्थ होती है – मिट्टी में संतुलन बना रहने से पौधों को सही पोषण मिलता है और फसल अच्छी क्वालिटी की होती है। उपज बढ़ती है – मिट्टी की सेहत अच्छी रहने से पैदावार भी बढ़ती है। मिट्टी लंबे समय तक उपजाऊ रहती है – लगातार ज्यादा केमिकल डालने से मिट्टी कमजोर हो जाती है, लेकिन कार्ड से मिली जानकारी से किसान संतुलित तरीके से खेती करता है।

सरकार की योजना और मदद

भारत सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) 2015 में शुरू की थी। इस योजना का मकसद हर किसान को उसकी मिट्टी की रिपोर्ट देना है। इस योजना को बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है। सरकार गाँव-गाँव जाकर किसानों की मिट्टी के सैंपल लेती है और फिर उनकी जाँच कर रिपोर्ट दी जाती है और अब यह योजना Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY) के “Soil Health & Fertility” घटक में शामिल हो गई है।

·         हर 2 साल में जांच – इस योजना के तहत हर दो साल में मिट्टी की जांच की जाती है।

·         फर्टिलाइज़र पर खर्च कम – किसान को पता चल जाता है कि कौन सी खाद कितनी डालनी है, जिससे पैसे की बचत होती है।

·         सरकारी लैब और किट – मिट्टी की जांच के लिए लैब बनाई गई हैं और कई जगह मोबाइल वैन भी चलाई जाती हैं।

जागरूकता और उपयोगहाल की स्थितियाँ

एक राष्ट्रीय अध्ययन में यह पाया गया कि लगभग 62.8% किसान SHC की सलाह के अनुसार उर्वरक प्रयोग करते हैं। पूरे भारत में अब तक 25 करोड़ (25.17 करोड़) से अधिक मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिए जा चुके हैं।19 दिसंबर 2023 तक, 23.58 करोड़ कार्ड वितरित हो चुके थे।  भारत सरकार के एक प्रेस रिलीज़ के अनुसार, SHC योजना के माध्यम से विभिन्न राज्यों में प्रशिक्षण, प्रदर्शन, जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए हैंउदाहरण के लिए 93,781 किसान प्रशिक्षण, 6.45 लाख प्रदर्शन, और 7,425 किसान मेले/अभियान आयोजित किए गए।

और जागरूकता कैसे बढ़ाएँ?

अगर इस योजना को हर किसान तक पहुँचाना है तो कुछ कदम ज़रूरी हैं:

गाँव-गाँव में जागरूकता शिविर लगाकर किसानों को समझाना। टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया पर सरल भाषा में प्रचार करना।  किसान मेलों और पंचायत कार्यक्रमों में कार्ड के फायदे बताना।  जिन किसानों को इसका लाभ मिला है, वे अपने अनुभव दूसरों से साझा करें।

Parth AI क्या है?

Parth AI एक तरह का स्मार्ट खेती सहायक (Smart Farming Assistant) है। यह मिट्टी, पानी, मौसम और फसल से जुड़े डेटा को समझकर किसानों को सलाह देता है। इसके ज़रिए किसान अपनी मिट्टी की हेल्थ चेक कर सकते हैं, फसल के लिए सही खाद और दवाइयाँ चुन सकते हैं और पानी का सही इस्तेमाल करना सीख सकते हैं। यह मोबाइल ऐप और AI तकनीक से चलता है, यानी किसान इसे स्मार्टफोन के जरिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड और Parth AI का मिलाजुला फायदा

अब बड़ा सवाल है कि किसान को दोनों का साथ में कैसे फायदा होगा?

सही रिपोर्ट, सही सलाह : मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसान को पता चलता है कि मिट्टी में क्या कमी है। Parth AI उस रिपोर्ट को डिजिटल तरीके से समझकर किसान को बताता है कि कौन सी खाद कितनी मात्रा में डालनी है।

कम रसायन, स्वस्थ फसल : कार्ड से मिली जानकारी और AI की सलाह से किसान सिर्फ उतना ही उर्वरक डालेगा जितना ज़रूरी है। इससे खर्च कम होगा और फसल प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रहेगी।

समय पर सिंचाई और कीट प्रबंधन : Parth AI मौसम की जानकारी देकर बताएगा कि कब पानी देना है और कब रोकना है। मृदा कार्ड और AI की मदद से किसान को यह भी पता चलेगा कि किस बीमारी या कीट का खतरा ज़्यादा है और उसका हल क्या है।

जागरूकता और आसान पहुँच : अभी केवल लगभग 55–60% किसान ही मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड का सही उपयोग कर रहे हैं। Parth AI मोबाइल ऐप और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर जानकारी देकर बाकी किसानों तक भी इसे पहुँचा सकता है।

निष्कर्ष

मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के लिए वैसे ही ज़रूरी है जैसे इंसान के लिए हेल्थ चेकअप। वहीं Parth AI उस रिपोर्ट को समझने और खेती के हर कदम पर सही निर्णय लेने में मदद करता है।

अगर किसान इन दोनों का साथ में उपयोग करें तो वे कम रसायन, कम खर्च, ज्यादा उपज और स्वस्थ फसल पा सकते हैं।  मध्य प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में मृदा स्वास्थ्य कार्ड और Parth AI मिलकर खेती को सच में स्मार्ट और टिकाऊ खेती बना सकते हैं।

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