"सर्दियों में मटर की खेती : सफल उत्पादन के लिए पूरा मार्गदर्शन"

"सरदियों में मटर की खेती: सफल उत्पादन के लिए पूर्ण दिशानिर्देश"

लेख :- यश 1. ...

 

परिचय : मुनाफ़े वाली फसल मटर

अगर सही समय पर मटर बोई जाए तो यह फसल अच्छा खर देता है है और अगला फसल के के लिए मिट्टी की बल भी : है। हाँ : के के लिए हो या घर पर खाने के के लिए , रबी सीज़न में सही तरीका से बोना और देखभाल करना 1.1.1 है।

सही बोआई से अच्छा पैदावार

मैदानी : में मटर की : अक्टूबर के अंतिम : से काम नवंबर के पहले दो 1. तक करें। पहाड़ी : में मार्च से मई तक बोआई ठीक रहना है।
हमेशा प्रमाणित और रोग - रंडी बीज ही लेन। बीज को रातभर पानी में टांककर बोने से जल्दी और एकसमान अंकुरण होता है।

टिप : मटर को लम्बे कतरों में बोएँ , कतार से कतार की दूरी 60 सेमी रखें। राहत दोमत मिट्टी और : 100 सबसे अच्छा रहना है। इससे आगे : फसल संभालना आसां हो जा है।

मटर की कारपेट के 1.1.1 पड़ाव

सही : और ठंडक होने पर अंकन 6 से 15 दिन में हो जा है। इसके बाद पौधा तेजी से बढ़ो है। बेल वाली : के के लिए सहरा ( डंडी या राहत ट्रेलेस ) लगायें।
फूल लगभग 45 से 60 दिन बाद आते हैं और वही समय फली भी लगनी शुरू हो जाती है।

टिप : तीसरा से छठा : तक खेत की अच्छा जैसे से निराई - गुड़ाई करें। पो अन्य पसंद नहीं करतीं। खेत साफ़ ज़िंदा तो फली का वजन भी अच्छा होगा।

मटर की ग़रीबें : मिट्टी , पानी और खाद

मटर की खेती के के लिए मिट्टी का pH 6 से 7.5 तक होना चाहिए और 🔹 जैविक खाद ( जैसे गोबर की खाद / कम्पोस्ट ) खोजा है। बोआई से पहले गोबर की खाद डालें तो पो मजबूत होन। पानी बोआई के बाद और हर 8-10 दिन पर दें। .. फूल और फली बनना के समय पानी पर ध्यान रखें। एनपीके खाद बोआई से पहले डालें। अगर पौधे बौने दिखें तो अतिरिक्त फॉस्फोरस डालें।

टिप : खेत में पुआल या फसल का एडोब पालकर मल्चिंग करें। इससे : बने रहना है , राजकोष कम होते हैं और बीमारियाँ भी : हैं।

आम : और 1. से बचाव

मटर में अक्सर चेपा (एफिड), पाउडरी मिल्ड्यू और लीफ़ : का हमला होता है।

: में दूरी रखें तो हवा का 1. बना रहे। फसल चक्र अपनाएँ तो मिट्टी भी सुधरे और कीट भी कन्फ्यूज़ होन। जैविक स्प्रे जैसे नीम तेल का : करें। सूख गया या : : को खेत से : नष्ट करें।

मटर की खेती में हतोत्साहित – पार्थ ए.आई

अब खेत और मिट्टी की देखभाल आसां है Parth AI से। बस pH, EC और अव कार्बन जैसा जानकारी डालें , और ये आपको 1. कि मिट्टी में कौन - कौन से : तत्वों की कमी है।

फास्फोरस , पोटाश और पानी से जोड़ना ऍनलियाँ की तुरन्त पहचान होती है. कृषि जीपीटी तत्काल कीट - रोग , सींचन और दवा की सलाह देता है। IoT प्रमाणित से सही समय पर पानी देना , खाद डालें और कटाई की भविष्यवाणी करना आसां हो जा है।

प्रो टिप : हर 15 दिन पर खेत की 1. करें। छोटा मुसीबतें समय रहना पकड़ में 1. : कटाई के समय बड़ा नुकसान हो कैन है।

मुनाफ़े के गुर और बोनस टिप्स

मटर को आकार और : के अरबिया से छाँटें। अच्छा : का दाम दुगना प्राप्त करें है। ताज़ी मटर को धूप में मत रखें। छाँव या 1. जगह पर तोड़ें। फसल कटाई में घर के लोग या मज़दूरों को साथ लगाएँ तो दान ज़्यादा पककर खराब होन। अगला फसल में गेहूँ या दूसरा अनाज वाली फसल बोएँ , इससे मिट्टी की उर्वरता दो आति है। अगर बारिश हुई है तो वही के बाद बोएँ या फिर सूखा हो तो बोआई से पहले खेत में पानी लगा दें।

निष्कर्ष : अंतः की हरी सोना मटर

मटर : के के लिए 9 का हरा सोना है। सही मिट्टी की तैयारी , समझदारी से बोआई और लगातार देखभाल से छोटा 100 पर भी अच्छा पैदावार मिल क् है।
तकनीक जैसे Parth AI से मदद लें और सही समय पर सही कदम उठाएँ। इस जैसे 9 की खेती मुनाफ़े में बदली जा क् है।

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